जनसंपर्क उपकरण के रूप में सोशल मीडिया के बारे में ह्यूमन रिसोर्सेज़ एंड वर्कप्लेस सोल्यूशन्स कंपनी रीगस के सर्वे रिपोर्ट बताता है कि भारत की 83% फर्म्स इस बात के लिए राजी हैं कि बिना सोशल मीडिया एक्टिविटी के मार्केटिंग स्ट्रैटजी सफल नहीं हो सकती, वैश्विक रूप से यह आंकड़ा 74% है। माइंडशिफ्ट इंटरएक्टिव के सीईओ जफर रईस कहते है कि भारत के प्रमुख 50 ब्रांडों में से 32 से ज्यादा सोशल मीडिया प्लेटफार्म का उपयोग सक्रिय रूप से कर रहे हैं। एसोचैम के जनरल सैक्रेटरी डी. एस. रावत ने कहा है कि 23 हज़ार करोड़ मूल्य का माल व सेवाओं का व्यापार दुनिया भर में सोशल मीडिया के द्वारा हो रहा है। 2015 तक यह आंकड़ा 1.35 लाख करोड़ हो जाएगा जिसमें भारत का हिस्सा 10 हज़ार करोड़ रूपये को पार कर जाएगा। श्वेता शुक्ला (प्रमुख आंतरिक संबंध, प्राक्टर एंड गैम्बल, भारत) कहती हैं कि उपभोक्ताओं को जानकारी देना, साझा करना और उन्हें प्रभावित करना हमारे डी. एन. ए. का अभिन्न अंग है। इस प्रकार सोशल मीडिया एक जनसंपर्क उपकरण के रूप में, हमें लाभ उठाने के लिए अच्छा प्लेटफॉर्म और अवसर देता है। सोशल मीडिया संपर्क बनाने का एक अनूठा मंच मुहैया कराता है जो स्थानीयत के साथ-साथ अंतरस्थानीयता (ग्लोकल) भी है जो हर किसी या जो चाहे वो व्यक्ति, समाज, कंपनी, या कोई देश हो इसका लाभ लेते हुए इसका उपयोग कर रहा और इससे समाज भी कई रूपों में प्रभावित हो रहा है।